हरिद्वार। श्री रविशंकर द्वारा संचालित ‘आर्ट ऑफ लिविंग हरिद्वार चैप्टर द्वारा आयोजित छः दिवसीय सेमिनार आज रोशनाबाद जेल में सम्पन्न हुआ। कार्यशाला में बंदियों को सिखाया गया कि वह किस प्रकार मन की साधना करके अपना जीवन सुधार सकते हैं तथा अपने मन से बदले की भावना से छुटकारा पा सकते हैं। उन्हें बताया गया कि जब आप वापस घर जाएँ, तो एक अच्छा इंसान बनकर जाएँ।
सेमिनार में उन्हें सुंदर जीवन जीने की कला के साथ सुदर्शन क्रिया, योग ,ध्यान ,प्राणायाम भी सिखाया गया।
उत्तराखंड की सीनियर फैकल्टी श्री तेजेंद्र सिंह ने उन्हें अनुभव कराया कैसे हम सांसों के द्वारा अपनी संकल्प शक्ति बढ़ा सकते हैं और जीवन में बदलाव ला सकते हैं।
उन्होंने बताया कि, “सुदर्शन क्रिया अपने आप में एक अद्भुत चमत्कारी क्रिया है, जिससे शरीर मन और आत्मा तीनों का सुधार होता है। आप सकारात्मक विचारों से भर जाते हैं। सोचने का ढंग बदलने लगता है। व्यक्ति वर्तमान में रहना सीख जाता है तथा प्रत्येक परिस्थिति को आसानी से पार कर जाता है। श्री श्री द्वारा प्रदान की गई सुदर्शन क्रिया का नियमित अभ्यास करने से तनाव कम होने लगता है, नींद न आने की समस्या हल हो जाती है और शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार होता है।
आर्ट ऑफ़ लिविंग का SSRDP ग्रुप श्रीमती अंजू बाहरी जी की ब्लेसिंग से पिछले 2 सालों से रोशनाबाद जेल में इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर की ट्रेनिंग भी दे रहे हैं ताकि कैदी बाहर जाकर अपने आप से अपना रोज़गार आराम से शुरू कर सकें।
इस अवसर पर वरिष्ठ चिकित्सक डा. आर.सी. गैरोला जी ने संदेश दिया कि, सुदर्शन क्रिया से मन नकारात्मक विचारों से मुक्त और निर्मल होने लगता है। आर्ट ऑफ़ लिविंग के शिविर से मानसिक शाँति मिलती है और शरीर स्वस्थ होने लगता है। हम चाहते हैं, आर्ट ऑफ लिविंग भविष्य में भी ऐसे शिविर आयोजित करते रहें, ताकि हमारे सभी कैदी इसका फायदा उठा सके
अंत में सभी कैदियों ने मिलकर सत्संग किया और नशा छोड़ने का पूरे दिल से संकल्प भी किया।
सेमिनार के आयोजन में वरिष्ठ जेल सुपरिन्टेंडेंट मनोज कुमार, प्रभारी जेलर प्यारेलाल आर्य, धनवीर रावत तथा मनीष बहुगुणा का विशेष सहयोग और मार्ग दर्शन प्राप्त हुआ।

भूपेंद्र कुमार

By भूपेंद्र कुमार

प्रधान संपादक

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