हरिद्वार। गंगा माता चेरिटेबल ट्रस्ट एवं गंगा माता आई हॉस्पिटल का 32 वां स्थापना दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया। जिसमें इस अवसर पर हॉस्पिटल के प्रवेश द्वार से पूरे हॉस्पिटल भवन को आकर्षित फूलों एवं रंग बिरंगी लाईटों से सजाया गया जो हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी मुख्य अतिथि के रुप में पहुंचे महामंडलेश्वर हरि चेतना नन्द जी महाराज एवं अन्य अथिति व ट्रस्ट के डायरेक्टर राजकुमार गोयल द्वारा संयुक्त रूप से मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया कार्यक्रम के शुभारम्भ पर ट्रस्ट के डायरेक्टर राजकुमार गोयल ,सचिव सुरेश गोयल एवं समस्त पदाधिकारियों द्वारा उपस्थित सभी अतिथियों का फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया व आभार व्यक्त करते हुए स्थापना दिवस समारोह के शुभ अवसर की बधाई एवं शुभकामनाएं दी गई।कार्यक्रम की अध्यक्षता महन्त श्री रविन्द्र पुरी जी महाराज सचिव पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा कनखल हरिद्वार ने की वहीं ट्रस्ट द्वारा भजन संध्या का आयोजन किया गया । जिसमें भजन गायक विनोद शर्मा द्वारा गणेश वन्दना के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया उसके उपरान्त गुरु वन्दना करते हुए सुन्दर सुन्दर भजनों का गुणगान किया गया जिसमें उपस्थित लोग मधुर भजनों को सुनकर मंत्रमुग्ध हो गए।
वहीं 32 वें स्थापना दिवस समारोह के मौके पर ट्रस्ट के डायरेक्टर राजकुमार गोयल ने अपने संबोधन में बताया कि ईश्वर की अनुकम्पा से एवं ट्रस्ट के सभी सदस्यों के सहयोग से पिछ्ले 32 वर्षों से गंगा माता आई हॉस्पिटल में निरंतर मरीजों की आंखों का निशुल्क इलाज किया जा रहा है
जिसमें अनुभवी नेत्र चिकित्सक अपनी पूर्ण जिम्मेदारी एवं निष्ठा के साथ सेवाएं प्रदान कर रहे हैं व अनुभवी नेत्र चिकित्सकों द्वारा आधुनिक मशीनों द्वारा आखों की जांच की जा रही है
वहीं अभी तक हजारों मरीजों की आंखों के सफल ऑपरेशन किए गए हैं वहीं उन्होंने बताया कि समस्त ट्रस्ट के पदाधिकारियों के सहयोग एवं से सेवाओं से समय समय पर आंखों के शिविर लगाए जाते हैं जिसमें सभी रोगियों की आंखों की निशुल्क जांच की जाती है जिसमें अनुभवी नेत्र चिकित्सकों द्वारा निशुल्क आंखों के ऑपरेशन किए जाते हैं एवं चश्में वितरण किए जाते हैं वहीं उन्होंने बताया कि पिछले छह महीने से हॉस्पिटल में नेत्र हीन लोगों को आंखे प्रदान करने की सुविधा शुरु की गई है जिसमें अभी तक 28 लोगों को आंखे प्रदान की गई हैं जिससे वह लोग अपनी आंखों में ज्योती आने पर बेहद प्रसन्नता महसूस कर रहे हैं
उन्होंने बताया कि सभी के सहयोग से हॉस्पिटल में आधुनिक मशीनों की व्यवस्था की गई है जहां हर दिन लगभग 250 मरीजों की आंखों की निशुल्क जांच की जाती है ट्रस्ट के डायरेक्टर राजकुमार गोयल ने बताया कि ट्रस्ट के सभी सदस्यों का विशेष योगदान रहता है हॉस्पिटल में मरीजों के लिए सुविधाजनक के साथ ही बेहतर सेवाएं प्रदान करना उनकी पहली जिम्मेदारी रहती है
उन्होंने बताया कि उनका सौभाग्य है कि ईश्वर की अनुकम्पा से उन्हें यह सेवा करने का अवसर मिला है
वहीं उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि मानव सेवा सबसे बड़ी सेवा है
वहीं कुदरत द्वारा हर जीव को नेत्र ज्योति का अनमोल रत्न दिया है जो कि हर एक जीव के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण है हम सभी को कुदरत द्वारा दिए गए अनमोल रत्न की कद्र करते हुए ईश्वर का धन्यवाद करना चाहिए वहीं कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों द्वारा गंगा माता चेरिटेबल ट्रस्ट एवं गंगा माता आई हॉस्पिटल के 32 वें स्थापना दिवस के शुभ अवसर ट्रस्ट के डायरेक्टर राजकुमार गोयल एवं ट्रस्ट के पदाधिकारियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए बताया कि यह बहुत बड़ी सेवा है जो गंगा माता आई हॉस्पिटल में अनुभवी नेत्र चिकित्सकों द्वारा बहुत ही कम खर्च में लाखों लोगों की आंखों का सफल इलाज किया जा रहा है जिसके लिए समस्त ट्रस्ट एवं हॉस्पिटल के सभी डॉक्टर एवं स्टाफ बधाई के पात्र हैं वहीं ट्रस्ट के डायरेक्टर राजकुमार गोयल एवं ट्रस्ट के पदाधिकारियों द्वारा उपस्थित सभी अतिथियों का शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया साथ ही हॉस्पिटल के समस्त चिकित्सकों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया एवं कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का स्वागत एवं अभिनंदन किया गया । इस अवसर पर समाजसेवी एवं गंगा माता चैरिटेबल ट्रस्ट और अस्पताल के ट्रस्टी सुधीर कुमार गुप्ता तथा अन्य ट्रस्टियों का महंत रवींद्र पुरी महाराज द्वारा शाल ओढ़ाकर अभिनंदन किया गया। संस्था के स्थापना दिवस समारोह कार्यक्रम में महामंडलेश्वर हरि चेतना नन्द परमाध्यक्ष हरिहर आश्रम हरिपुर कलां, महंत रविन्द्र पुरी महाराज, सचिव पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा कनखल हरिद्वार, महन्त देवानन्द सरस्वती महाराज अध्यक्ष प्रभु हरिनाथ मन्दिर भागीरथी नगर हरिद्वार महात्मा सुरेश मुनि जी महाराज परमाध्यक्ष मुनि आश्रम भूपतवाला हरिद्वार, एवं हॉस्पिटल के सभी डॉक्टर एवं स्टाफ उपस्थित रहे।