हरिद्वार। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के इष्टदेव निरंजन देव (कार्तिकेय स्वामी) का जन्मोत्सव और गुरु छठ पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। विधि विधान और मंत्रोचारण के साथ भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना कर आरती उतारी गई और आतिशबाजी कर जश्न मनाया गया। भगवान कार्तिकेय के जन्मोत्सव के अवसर पर
संत सम्मेलन के बाद विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया।
संत सम्मेलन के अध्यक्षता करते हुए जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय का जन्म तारकासुर के संहार के लिए हुआ था। भगवान शिव के आशीर्वाद से उत्पन्न हुए कार्तिकेय का लालन-पालन कृतिकाओं द्वारा होने के कारण उनका नाम कार्तिकेय पड़ा। भगवान कार्तिकेय भक्तों की सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं।
पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भगवान कार्तिकेय बुद्धिशाली व बलशाली देव हैं। तारकासुर नामक एक राक्षस ने देवलोक में काफी उत्पात मचा रखा था, जो देवताओं को काफी हानि पहुंचा रहा था। तब देवताओं ने भगवान कार्तिकेय से प्रार्थना की कि वे उस राक्षस से देवताओं की सुरक्षा करें। देवताओं की प्रार्थना पर भगवान कार्तिकेय ने तारकासुर का वध कर दिया।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविद्रपुरी महाराज ने कहा कि भगवान कार्तिकेय जन-जन के आराध्य हैं। शिव पुत्र भगवान कार्तिकेय की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से सभी दु:ख व कष्ट समाप्त हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि शनिवार को धूमधाम से अखाड़े के ईष्ट देव भगवान कार्तिकेय जन्मोत्सव समारोह मनाया गया। श्री पंचदस नाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज एवं महामंडलेश्वर संतोषी माता ने कहा कि गुरुओं से किया गया मंत्र ही महामंत्र है। कहा कि भगवान कार्तिकेय का व्रत व पूजन करने से सभी सुखों की प्राप्ति और सभी दु:ख व पीड़ा खत्म हो जाते हैं। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी ने ने सभी संत, महंतों का स्वागत किया। संचालन डॉ. सुनील कुमार बत्रा ने किया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर माता संतोषी, महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद महाराज, स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती, अग्नि अखाड़ा के श्रीमहंत सतपाल ब्रह्मचारी, श्रीमहंत महेशपुरी, श्रीमहंत केशवपुरी, श्रीमहंत नरेश गिरि, महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि, श्री महंत बलवीर गिरि, महंत रवि पुरी, आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख पदम सिंह, मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, 40वीं वाहिनी पीएसी कमांडेड पी.के. राव, एसएमजेएन (पीजी) कॉलेज प्रबंध समिति सदस्य आर.के. शर्मा, प्रधानाचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा, रामानंद इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर वैभव शर्मा, मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट की ट्रस्टी दिगंबर राज गिरि, अनिल शर्मा, दिगंबर उमेश भारती, दिगंबर गंगा गिरी, दिगंबर सुखदेव पुरी, दिगंबर राज गिरि, दिगंबर रतन गिरी, हरगोविंद पुरी, दिगंबर राज पुरी, महंत रामरतन पुरी, महंत गजेंद पुरी, दिगंबर आशुतोष पुरी, दिगंबर रघुवन आदि मौजूद रहे।